Monday 5 September 2016

शिक्षा में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी हस्‍तक्षेप



"जिस प्रकार संगमरमर के लिए शिल् कला है उसी प्रकार मानवीय आत्मा के लिए शिक्षा है"
                                                            जोसेफ डीसन

पिछले कुछ दशकों से प्रौद्योगिकी ने हर संभव मार्ग से हमारे जीवन को पूरी तरह बदल दिया है। भारत एक सफल सूचना और संचार प्रौद्योगिकी से सज्जित राष्ट्र होने के नाते सदैव सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग पर अत्यधिक बल देता रहा है, केवल अच्छे शासन के लिए बल्कि अर्थव्यवस्था के विविध क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्, कृषि और शिक्षा आदि के लिए भी।
शिक्षा नि:संदेह एक देश की मानव पूंजी के निर्माण में किए जाने वाले सर्वाधिक महत्वपूर्ण निवेशों में से एक और एक ऐसा माध्यम है जो केवल अच्छे साक्षर नागरिकों को गढ़ता है बल्कि एक राष्ट्र को तकनीकी रूप से नवाचारी भी बनाता है और इस प्रकार आर्थिक वृद्धि की दिशा में मार्ग प्रशस् होता है। भारत में ऐसे अनेक कार्यक्रम और योजनाएं, जैसे मुफ्त और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा, "सर्व शिक्षा अभियान", राष्ट्रीय साक्षरता अभियान आदि शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लिए सरकार द्वारा आरंभ किए गए हैं।
हाल के वर्षों में इस बात में काफी रुचि रही है कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को शिक्षा के क्षेत्र में कैसे उपयोग किया जा सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के सर्वाधिक महत्वपूर्ण योगदानों में से एक है अधिगम्यता पर आसान पहुंच संसाधन। सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की सहायता से छात्र अब -पुस्तकें, परीक्षा के नमूने वाले प्रश् पत्र, पिछले वर्षों के प्रश् पत्र आदि देखने के साथ संसाधन व्यक्तियों, मेंटोर, विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, व्यावसायिकों और साथियों से दुनिया के किसी भी कोने पर आसानी से संपर्क कर सकते हैं।
किसी भी समय-कहीं भी, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की सर्वाधिक अनोखी विशेषता यह है कि इसे समय और स्थान में समायोजित किया जा सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी ने असमामेलित अधिगम्यता (डिजिटल अभिगम्यता) को संभव बनाया है। अब छात्र किसी भी समय अपनी सुविधानुसार ऑनलाइन अध्ययन पाठ्यक्रम सामग्री को पढ़ सकते हैं।
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा आपूर्ति (रेडियो और टेलिविजन पर शैक्षिक कार्यक्रमों का प्रसारण) से सभी सीखने वाले और अनुदेशक को एक भौतिक स्थान पर होने की आवश्यकता समाप् हो जाती है।

जब से सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को एक शिक्षण माध्यम के रूप में उपयोग किया गया है, इसने एक त्रुटिहीन प्रेरक साधन के रूप में कार्य किया है, इसमें वीडियो, टेलिविजन, मल्टीमीडिया कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर का उपयोग शामिल है जिसमें , ध्वनि और रंग निहित है। इससे छात्र सीखने की प्रक्रिया में गहराई से जुडते हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी तकनीकी शब्दावली युक्त ऐसी संकल्पना है जो सूचनाओं के संजाल का नित नूतन तकनीक के माध्यम से विकास को रेखांकित करती है। भाषा के समस्त संरचनाओं का तकनीकी करण सूचना प्रौद्योगिकी का एक अभिन्नतम अंग है।
सूचना  मानव जीवन का अभिन्न अंग है। संप्रेषण के द्वारा ही मनुष्य सूचनाओं का आदान प्रदान एवं उसे संग्रहित करता है। सामाजिक,आर्थिक, धार्मिक अथवा राजनीतिक कारणों से विभिन्न मानवी समूहों का आपस में संपर्क बन जाता है। गत शताब्दी में सूचना और संपर्क के क्षेत्र में अद्भुत प्रगति हुई है। इलेक्ट्रानिक माध्यम के फलस्वरूप विश्व का अधिकांश भाग जुड गया है। सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति ने ज्ञान के द्वार खोल दिये है। बुद्धि एवं भाषा के मिलाप से सूचना प्रौद्योगिकी के सहारे आर्थिक संपन्नता की ओर भारत अग्रेसर हो रहा है। इलेक्ट्रानिक वाणिज्य के रूप में -कॉमर्स, इंटरनेट द्वारा डाक भेजना -मेल द्वारा संभव हुआ है। ऑनलाईन सरकारी कामकाज विषयक -प्रशासन, -बैंकिंग द्वारा बैंक व्यवहार ऑनलाईन , शिक्षा सामग्री के लिए -एजुकेशन आदि माध्यम का सूचना प्रौद्योगिकी से विकास हो रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी के बहु आयामी उपयोग के कारण विकास के नये द्वार खुल रहे है। भारत में सूचना प्रौद्योगिकी का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। इस क्षेत्र में विभिन्न प्रयागों का अनुसंधान करके विकास की गति को बढाया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी में सूचना, आँकडें (डेटा ) तथा ज्ञान का आदान प्रदान मनुष्य जीवन के हर क्षेत्र में फ़ैल गया है। हमारी आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, व्यावसायिक तथ अन्य बहुत से क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी दिखाई पड़ता है। इलेक्ट्रानिक तथा डिजीटल उपकरणों की सहायता से इस क्षेत्र में निरंतर प्रयोग हो रहे है। आर्थिक उदारतावाद के इस दौर के वैश्विक ग्राम (ग्लोबल विलेज) की संकल्पना संचार प्रौद्योगिकी के कारण सफ़ल हुई है। इस नये युग में -कॉमर्स, -मेडीसीन, -एज्यूकेशन, -गवर्नंस, -बैंकींग, -शॉपिंग आदि इलेक्ट्रानिक माध्यमों का विकास हो रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी आज शक्ति एवं विकास का प्रतिक बनी है। कंप्यूटर युग के संचार साधनों में सूचना प्रौद्योगिकी के आगमन से हम सूचना समाज में प्रवेश कर रहे है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के इस अधीकतम देन के ज्ञान एवं इनका सार्थक उपयोग करते हुए, उनसे लाभान्वित होने की सभी को आवश्यकता है।
भारत में सूचना प्रौद्योगिकी के महत्वपूर्ण पहल
 -रेलवे टिकट एवं आरक्षण का कम्प्यूटरीकरण
 -बैंकों का कम्प्यूतारीकरण एवं एटीएम की सुविधा
 -इंटरनेट से रेल टिकट, हवाई टिकट का आरक्षण
 -इंटरनेट से एफआईआर
 -न्यायालयों के निर्णय आनलाइन उपलब्ध कराये जा रहे हैं.
 -किसानों के भूमि रिकार्डों का कम्प्यूटरीकरण
 -इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए आनलाइन आवेदन एवं आनलाइन काउंसिलिंग
 -आनलाइन परीक्षाएं
 -कई विभागों के टेंडर आनलाइन भरे जा रहे हैं.
 -पासपोर्ट, गाडी चलाने के लाइसेंस आदि भी आनलाइन भरे जा रहे हैं.
 -कई विभागों के 'कांफिडेंसियल रिपोर्ट' आनलाइन भरे जा रहे हैं.
 -शिकायेतें आनलाइन की जा सकतीं है.
 -सभी विभागों कई बहुत सारी जानकारी आनलाइन उपलब्ध है. [[सूचना का अधिकार' के तहत भी बहुत सी जानकारी आनाइन दी जा रही है.
 -आयकर की फाइलिंग आनलाइन की जा सकती है.

सूचना प्रौद्योगिकी का प्रभाव
- सूचना प्रौद्योगिकी ने पूरी धरती को एक गाँव बना दिया है। इसने विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं को जोड़कर एक वैश्विक अर्थव्यवस्था को जन्म दिया है। यह नवीन अर्थव्यवस्था  अधिकाधिक रूप से सूचना के रचनात्मक व्यवस्था वितरण पर निर्भर है। इसके कारण व्यापार और वाणिज्य में सूचना का महत्व अत्यधिक बढ गया है।
- सूचना क्रान्ति से समाज के सम्पूर्ण कार्यकलाप प्रभावित हुए हैं - धर्म, शिक्षा (e-learning), स्वास्थ्य (e-health), व्यापार (e-commerce), प्रशासन, सरकार (e-govermance), उद्योग,  अनुसंधान विकास, संगठन, प्रचार आदि सब के सब क्षेत्रों में कायापलट हो गया है आज का समाज सूचना समाज कहलाने लगा है।
सूचना प्रौद्योगिकी ने पूरी धरती को एक गाँव बना दिया है। इसने विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं को जोड़कर एक वैश्विक अर्थव्यवस्था को जन्म दिया है। यह नवीन अर्थव्यवस्था अधिकाधिक रूप से सूचना के रचनात्मक व्यवस्था वितरण पर निर्भर है। इसके कारण व्यापार और वाणिज्य में सूचना का महत्व अत्यधिक बढ गया है। इसीलिए इस अर्थव्यवस्था को सूचना अर्थव्यवस्था (Information Economy) या ज्ञान अर्थव्यवस्था (Knowledge Economy) भी कहने लगे हैं। वस्तुओं के उत्पादन (manufacturing) पर आधारित परम्परागत अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ती जा रही है और सूचना पर आधारित सेवा अर्थव्यवस्था (service economy) निरन्तर आगे बढती जा रही है।
सूचना क्रान्ति से समाज के सम्पूर्ण कार्यकलाप प्रभावित हुए हैं - धर्म, शिक्षा (e-learning), स्वास्थ्य (e-health), व्यापार (e-commerce), प्रशासन, सरकार (e-govermance), उद्योग, अनुसंधान विकास, संगठन, प्रचार आदि सब के सब क्षेत्रों में कायापलट हो गया है। आज का समाज सूचना समाज कहलाने लगा है।

सूचना के महत्व के साथ सूचना की सुरक्षा का महत्व भी बढ़ेगा। सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े कार्यों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, विशेष रूप से सूचना सुरक्षा एवं सर्वर के विशेषज्ञों की मांग बढ़ेगी।
सूचना प्रौद्योगिकी के विभिन्न घटक
कंप्यूटर हार्डवेयर प्रौद्योगिकी
इसके अन्तर्गत माइक्रो-कम्प्यूटर, सर्वर, बड़े मेनफ्रेम कम्प्यूटर के साथ-साथ इनपुट, आउटपुट एवं संग्रह (storage) करने वाली युक्तियाँ (devices) आतीं हैं।
कंप्यूटर साफ्टवेयर प्रौद्योगिकी
इसके अन्तर्गत प्रचालन प्रणाली (Operating System), वेब ब्राउजर, डेटाबेस प्रबन्धन प्रणाली (DBMS), सर्वर तथा व्यापारिक/वाणिज्यिक साफ्टवेयर आते हैं।
दूरसंचार नेटवर्क प्रौद्योगिकी
इसके अन्तर्गत दूरसंचार के माध्यम, प्रक्रमक (Processor) तथा इंटरनेट से जुडने के लिये तार या बेतार पर आधारित साफ्टवेयर, नेटवर्क-सुरक्षा, सूचना का कूटन (क्रिप्टोग्राफी) आदि हैं।
मानव संसाधन
तंत्र प्रशासक (System Administrator), नेटवर्क प्रशासक (Network Administrator) आदि
आई टी कंपनियाँ
भारत मे सूचना प्रौद्योगिकी का विकास पिछ्ले वर्षो मे बडी तेज़ी से हुआ है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र मे भारत में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ है। उनमें से प्रमुख हैं -
भारतीय :- इस क्षेत्र की प्रमुख भारतीय कम्पनियों के नाम है -
इंफोसिस (en:Infosys)
टी.सी.एस. (en:Tata Consultancy Services)
विप्रो (en:WIPRO)
सत्यम (en:Satyam)

बहुराष्ट्रीय

इंटेल (en:Intel)
माइक्रोसॉफ़्ट (en:Microsoft)
टी.आई. (en:Texas Instruments)
गूगल (en:Google)
याहू (en:Yahoo)
सैप लैब्स इंडिया (SAP Labs India). सैप लैब्स इंडिया की पितृ संस्था SAP AG है जो जर्मनी में स्थित है।
ऑरेकल (en:Oracle Corporation)

Rakesh Kr Bairwa
Assistant Prof.
(parishkar college, Jaipur)
(visiting Faculty Rajasthan University)

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